अपनी छत से दूर होकर भी दूसरों को छत देते हैं ये मजदूर। अपनी छत से दूर होकर भी दूसरों को छत देते हैं ये मजदूर।
ये लंगोटधारी ये लंगोटधारी
पटरी ने ही उसे बहुत दूर कर दिया मजदूर था वो साहब ! मजदूर था। पटरी ने ही उसे बहुत दूर कर दिया मजदूर था वो साहब ! मजदूर था।
हर हालत में टिकने वाले जो शूर है हा वो मजदूर है। हर हालत में टिकने वाले जो शूर है हा वो मजदूर है।
पथराई सी नजरें, तेरा जिस्म कांप रहा था पथराई सी नजरें, तेरा जिस्म कांप रहा था
लूट गया सब कुछ यूं खड़ा खड़ा बूंद बूंद वो गिर पड़ा.. लूट गया सब कुछ यूं खड़ा खड़ा बूंद बूंद वो गिर पड़ा..